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रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) |
रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) |
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*[[संजय]]! बड़े भारी संकट में पड़ने पर श्रेष्ठ पुरुष को यही करना चाहिये कि वह यथा शक्ति पराक्रम दिखावे; यह बात द्रोणाचार्य में पूर्णरूप से प्रतिष्ठित थी। (43) | *[[संजय]]! बड़े भारी संकट में पड़ने पर श्रेष्ठ पुरुष को यही करना चाहिये कि वह यथा शक्ति पराक्रम दिखावे; यह बात द्रोणाचार्य में पूर्णरूप से प्रतिष्ठित थी। (43) | ||
*[[तात]]! इस समय मेरा मन मोहित हो रहा है; अत: तुम यह कथा बंद करों! संजय! फिर होश में आने पर तुमसे यह समाचार पूछूँगा। (44) | *[[तात]]! इस समय मेरा मन मोहित हो रहा है; अत: तुम यह कथा बंद करों! संजय! फिर होश में आने पर तुमसे यह समाचार पूछूँगा। (44) | ||
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;">इस प्रकार श्रीमहाभारत द्रोणपर्व के अन्तर्गत द्रोणाभिषेकपर्व में धृतराष्ट्र का शोक विषयक नवाँ अध्याय पूरा हुआ।</div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;">इस प्रकार श्रीमहाभारत द्रोणपर्व के अन्तर्गत द्रोणाभिषेकपर्व में धृतराष्ट्र का शोक विषयक नवाँ अध्याय पूरा हुआ।</div> |
15:32, 26 अप्रॅल 2016 का अवतरण
navam (9) adhyay: dron parv ( dronabhishek parv)
is prakar shrimahabharat dronaparv ke anhtargat dronabhishekaparv mean dhritarashhtr ka shok vishayak navaan adhhyay poora hua.
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tika tippani aur sandarbh
sanbandhit lekh
varnamala kramanusar lekh khoj