"सूरसागर एकादश स्कन्ध" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 6 prishth haian, kul prishth 6 क कैसैं करि आवत स्याम इती -सूरदासक्यौ करि सकौं आज्ञा भंग -सूरदासत तिन कौ अंतराइ हम करैं -सूरदासन नारायन जब भए अवतार -सूरदासव विषय चित्त दोऊ है माया -सूरदासह हरि ज्यौ धरयौ हंस अवतार -सूरदास