"महाभारत सभा पर्व कथाएँ" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 123 prishth haian, kul prishth 123 अ अरिष्टासुर एवं कंस वध अर्जुन का अनेक पर्वतीय देशों पर विजय पाना अर्जुन द्वारा अनेक राजाओं तथा भगदत्त की पराजयइ इन्द्र सभा का वर्णनक कर्ण और दुर्योधन के वचन एवं भीम की प्रतिज्ञा कल्कि अवतार की संक्षिप्त कथा कालिय-मर्दन एवं धेनुकासुर वध किम्पुरुष, हाटक, उत्तरकुरु पर अर्जुन की विजय कुन्ती का विलाप एवं नगर के नर-नारियों का शोकातुर होना कुबेर की सभा का वर्णन कौरवों को मारने को उद्यत हुए भीम को युधिष्ठिर का शान्त करनाग गान्धारी की धृतराष्ट्र को चेतावनी किन्तु धृतराष्ट्र का अस्वीकार करनाच चण्डकौशिक द्वारा जरासंध का भविष्य कथनज जरा राक्षसी का अपना परिचय देना जरासंध का श्रीकृष्ण के साथ वैर का वर्णन जरासंध की युद्ध के लिए तैयारी जरासंध के विषय में युधिष्ठिर, भीम और श्रीकृष्ण की बातचीत जरासंध द्वारा बंदी राजाओं की मुक्ति जरासंध पर जीत के विषय में युधिष्ठिर का उत्साहहीन होना जुए के अनौचित्य के सम्बन्ध में युधिष्ठिर-शकुनि संवाद जुए में शकुनि के छल से युधिष्ठिर की हारद दत्तात्रेय अवतार की संक्षिप्त कथा दु:शासन का सभा में द्रौपदी को केश पकड़कर घसीटकर लाना दु:शासन द्वारा पाण्डवों का उपहास दुर्योधन का द्यूत के लिए धृतराष्ट्र से अनुरोध दुर्योधन का धृतराष्ट्र को अपने दुख और चिन्ता का कारण बताना दुर्योधन का धृतराष्ट्र को उकसाना दुर्योधन का धृतराष्ट्र से पुन: द्युतक्रीडा के लिए पाण्डवों को बुलाने का अनुरोध दुर्योधन का मय निर्मित सभा भवन को देखना दुर्योधन का विदुर को फटकारना और विदुर का उसे चेतावनी देना दुर्योधन के छल-कपटयुक्त वचन और भीम का रोषपूर्ण उद्गार दुर्योधन को धृतराष्ट्र का समझाना दुर्योधन द्वारा युधिष्ठिर के अभिषेक का वर्णन द्यूतक्रीडा का आरम्भ द्यूतक्रीडा के लिए सभा का निर्माण द्रौपदी का कुन्ती से विदा लेना द्रौपदी का चीरहरण द्रौपदी का चेतावनी युक्त विलाप एवं भीष्म का वचन द्रौपदी को धृतराष्ट्र से वर प्राप्ति द्वारकापुरी का वर्णनध धृतराष्ट्र का युधिष्ठिर को सारा धन लौटाकर इन्द्रप्रस्थ जाने का आदेश ध आगे. धृतराष्ट्र का विदुर को इन्द्रप्रस्थ भेजना धृतराष्ट्र की आज्ञा से युधिष्ठिर का पुन: जुआ खेलना और हारना धृतराष्ट्र की चिन्ता और उनका संजय के साथ वार्तालाप धृतराष्ट्र को विदुर की चेतावनीन नकुल द्वारा पश्चिम दिशा की विजय नरकासुर का सैनिकों सहित वध नारद का युधिष्ठिर को प्रश्न रूप में शिक्षा देना नृसिंह अवतार की संक्षिप्त कथाप परशुराम अवतार की संक्षिप्त कथा पाण्डवों की दिग्विजय के लिए यात्रा पाण्डवों पर विजय प्राप्त करने के लिए दुर्योधन-शकुनि की बातचीत प्रजाजनों की शोकातुरता के विषय में धृतराष्ट्र-विदुर का संवादब ब्रह्माजी की सभा का वर्णनभ भगवान नारायण की महिमा भगवान नारायण द्वारा मधु-कैटभ वध भीम और जरासंध का भीषण युद्ध भीम का अनेक राजाओं से भारी धन-सम्पति जीतकर इन्द्रप्रस्थ लौटना भीम का क्रोध एवं अर्जुन को उन्हें शान्त करना भीम का पूर्व दिशा में जीतने के लिए प्रस्थान भीम द्वारा जरासंध का वध भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव की भीषण प्रतिज्ञा भीष्म का शिशुपाल के आक्षेपों का उत्तर देना भीष्म की अनुमति से श्रीकृष्ण की अग्रपूजा भीष्म की बातों से चिढ़े शिशुपाल का उन्हें फटकारना भीष्म के द्वारा श्रीकृष्ण माहात्म्य का उपसंहार भीष्म द्वारा शिशुपाल के जन्म का वृतांत्त का वर्णनम मय द्वारा निर्मित सभा भवन में युधिष्ठिर का प्रवेश मयासुर का भीम-अर्जुन को गदा और शंख देनाय यमराज की सभा का वर्णन युधिष्ठिर का धन, राज्य, भाई, द्रौपदी सहित अपने को भी हारना युधिष्ठिर का राजसूयविषयक संकल्प युधिष्ठिर का शिशुपाल को समझाना युधिष्ठिर की दिव्य सभाओं के विषय में जिज्ञासा युधिष्ठिर के वैभव को देखकर दुर्योधन का चिन्तित होना युधिष्ठिर को जरासंध की उत्पत्ति का प्रसंग सुनाना युधिष्ठिर को भीष्म का सान्त्वना देना युधिष्ठिर को भेंट में मिली वस्तुओं का दुर्योधन द्वारा वर्णनर राजसूय यज्ञ का वर्णन राजसूय यज्ञ की समाप्ति राजसूय यज्ञ में ब्राह्मणों तथा राजाओं का समागम राजसूय यज्ञ में राजाओं, कौरवों तथा यादवों का आगमन र आगे. राजा हरिश्चंद्र का माहात्म्य रुक्मिणी के महल का वर्णनव वनगमन के समय पाण्डवों की चेष्टा वराह अवतार की संक्षिप्त कथा वरुण की सभा का वर्णन वामन अवतार की संक्षिप्त कथा विकर्ण की धर्मसंगत बात का कर्ण द्वारा विरोध विदुर और धृतराष्ट्र की बातचीत विदुर और युधिष्ठिर बातचीत तथा युधिष्ठिर का हस्तिनापुर आना विदुर का दुर्योधन को फटकारना विदुर का पाण्डवों को धर्मपूर्वक रहने का उपदेश देना विदुर द्वारा जुए का घोर विरोध विदुर द्वारा प्रह्लाद का उदाहरण देकर सभासदों को विरोध के लिए प्रेरित करना व्यासजी की भविष्यवाणी से युधिष्ठिर की चिन्ताश शरणागत कौरवों को द्रोणाचार्य का आश्वासन शिशुपाल की बातों पर भीम का क्रोध शिशुपाल के आक्षेपपूर्ण वचन शिशुपाल द्वारा भीष्म की निन्दा श्रीकृष्ण अवतार की संक्षिप्त कथा श्रीकृष्ण और जरासंध का संवाद श्रीकृष्ण और बलराम का द्वारका में प्रवेश श्रीकृष्ण और बलराम का विद्याभ्यास श्रीकृष्ण का इन्द्रलोक जाकर अदिति को कुण्डल देना श्रीकृष्ण का गुरु को दक्षिणा रूप में उनके पुत्र का जीवन देना श्रीकृष्ण का प्राकट्य श्रीकृष्ण का सोलह हजार कन्याओं को पत्नीरूप में स्वीकार करना श्रीकृष्ण का स्वदेशगमन श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ की दीक्षा लेना श्रीकृष्ण की आज्ञानुसार मयासुर द्वारा सभा भवन निर्माण श्रीकृष्ण की द्वारका यात्रा श्रीकृष्ण की राजसूय यज्ञ की सम्मति श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन की बात का अनुमोदन श्रीकृष्ण द्वारा बाणासुर पर विजय श्रीकृष्ण द्वारा मगध की राजधानी की प्रशंसा श्रीकृष्ण द्वारा शिशुपाल वध श्रीकृष्ण, अर्जुन और भीम की मगध यात्रा श्रीराम अवतार की संक्षिप्त कथास सत्यभामा सहित अन्य रानियों के महल का वर्णन सभासदों से द्रौपदी का प्रश्न सहदेव की राजाओं को चुनौती सहदेव द्वारा दक्षिण दिशा की विजय