"कुम्भनदास के पद" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 18 prishth haian, kul prishth 18 आ आई ऋतु चहूँदिस फूले द्रुम -कुम्भनदासक कहा करौं वह मूरति जिय ते न टरई -कुम्भनदास कितै दिन ह्वै जु गए बिनु देखे -कुम्भनदास कुम्भनदास के पदग गाय सब गोवर्धन तें आईं -कुम्भनदासत तुम नीके दुहि जानत गैया -कुम्भनदास ब बैठे लाल फूलन के चौवारे -कुम्भनदासभ भक्त इच्छा पूरन श्री यमुने जु करता -कुम्भनदास भक्तन को कहा सीकरी सों काम -कुम्भनदासम माई हौं गिरधरन के गुन गाऊँ -कुम्भनदासर रसिकिनि रस में रहत गड़ी -कुम्भनदासश श्री यमुने अगनित गुन गिने न जाई -कुम्भनदास श आगे. श्री यमुने पर तन मन धन प्राण वारो -कुम्भनदास श्री यमुने रस खान को शीश नांऊ -कुम्भनदासस संतन को कहा सीकरी सों काम -कुम्भनदास साँझ के साँचे बोल तिहारे -कुम्भनदास सीतल सदन में सीतल भोजन भयौ -कुम्भनदासह हमारो दान देहो गुजरेटी -कुम्भनदास