"महाभारत द्रोण पर्व कथाएँ" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 200 prishth haian, kul prishth 381 (पिछले 200) (अगले 200)अ अभिमन्यु की मृत्यु के कारण अर्जुन का विषाद अभिमन्यु की मृत्यु पर अर्जुन का क्रोध अभिमन्यु की वीरता अभिमन्यु द्वारा अश्मकपुत्र का वध अभिमन्यु द्वारा अश्वकेतु, भोज और कर्ण के मंत्री आदि का वध अभिमन्यु द्वारा कर्ण के भाई का वध अभिमन्यु द्वारा कौरव सेना का संहार अभिमन्यु द्वारा कौरवों की चतुरंगिणी सेना का संहार अभिमन्यु द्वारा क्राथपुत्र का वध अभिमन्यु द्वारा दु:शासन और कर्ण की पराजय अभिमन्यु द्वारा दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण का वध अभिमन्यु द्वारा वसातीय आदि अनेक योद्धाओं का वध अभिमन्यु द्वारा वृन्दारक तथा बृहद्वल का वध अभिमन्यु द्वारा शल्य के भाई का वध अभिमन्यु द्वारा सत्यश्रवा, रुक्मरथ और सैकड़ों राजकुमारों का वध अभिमन्यु वध के वृत्तान्त का संक्षेप में वर्णन अर्जुन और कर्ण का युद्ध अर्जुन और दुर्योधन का एक-दूसरे के सम्मुख आना अर्जुन और द्रोणाचार्य का वार्तालाप तथा युद्ध अर्जुन और श्रीकृष्ण द्वारा शिव की स्तुति अर्जुन और सात्यकि के प्रति युधिष्ठिर की चिन्ता अर्जुन का अद्भुत पराक्रम अर्जुन का कर्ण को फटकारना और वृषसेन वध की प्रतिज्ञा अर्जुन का कौरव महारथियों के साथ घोर युद्ध अर्जुन का कौरव योद्धाओं के साथ युद्ध अर्जुन का कौरव सेना पर आक्रमण अर्जुन का कौरव सैनिकों द्वारा प्रतिरोध अर्जुन का जयद्रथ पर आक्रमण तथा दुर्योधन और कर्ण का वार्तालाप अर्जुन का द्रोणाचार्य और कृतवर्मा से युद्ध अर्जुन का नौ कौरव महारथियों के साथ अकेले युद्ध अर्जुन का भगदत्त और उसके हाथी से युद्ध अर्जुन का युद्ध हेतु सुशर्मा आदि संशप्तक वीरों के निकट जाना अर्जुन का युधिष्ठिर को आश्वासन देना अर्जुन का रणभूमि में प्रवेश और शंखनाद अर्जुन का शत्रुसेना पर आक्रमण और जयद्रथ की ओर बढ़ना अर्जुन का सात्यकि को युधिष्ठिर की रक्षा का आदेश अर्जुन का स्वप्न में श्रीकृष्ण के साथ शिव के समीप जाना अर्जुन की जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा अर्जुन की द्रोणाचार्य की सेना पर विजय अर्जुन की प्रतिज्ञा की सफलता हेतु युधिष्ठिर की श्रीकृष्ण से प्रार्थना अर्जुन की प्रतिज्ञा से जयद्रथ का भय अर्जुन की सफलता हेतु श्रीकृष्ण के दारुक से उत्साह भरे वचन अर्जुन के कहने से उभयपक्ष के सैनिकों का सो जाना अर्जुन के बाणों से कृपाचार्य का मूर्छित होना तथा अर्जुन का खेद अर्जुन के बाणों से व्यथित होकर कर्ण और अश्वत्थामा का पलायन अर्जुन के भय से कौरव सेना का पलायन अर्जुन के वीरोचित वचन अर्जुन को स्वप्न में पुन: पाशुपतास्त्र की प्राप्ति अर्जुन तथा कौरव महारथियों के ध्वजों का वर्णन अर्जुन द्वारा अद्भुत जलाशय का निर्माण अर्जुन द्वारा अश्वत्थामा के क्रोध एवं गुरुहत्या के भीषण परिणाम का वर्णन अर्जुन द्वारा कर्ण की पराजय अर्जुन द्वारा तीव्र गति से कौरव सेना में प्रवेश अर्जुन द्वारा दुर्मर्षण की गजसेना का संहार अर्जुन द्वारा दुर्योधन की पराजय अर्जुन द्वारा भगदत्त का वध अर्जुन द्वारा भूरिश्रवा की भुजा का उच्छेद अर्जुन द्वारा विन्द और अनुविन्द का वध अर्जुन द्वारा वृषक और अचल का वध अर्जुन द्वारा श्रुतायु, अच्युतायु, नियतायु, दीर्घायु और अम्बष्ठ आदि का वध अर्जुन द्वारा संशप्तक सेना के अधिकांश भाग का वध अर्जुन द्वारा सिन्धुराज जयद्रथ का वध अर्जुन द्वारा सुदक्षिण का वध अर्जुन द्वारा सुधन्वा का वध अर्जुन सहित भीमसेन का कौरवों पर आक्रमण अर्जुन से पराजित होकर अलम्बुष का पलायन अर्जुन से युद्ध हेतु द्रोणाचार्य का दुर्योधन के शरीर में दिव्य कवच बाँधना अ आगे. अर्जुन से शकुनि और उलूक की पराजय अर्जुन से हताहत होकर दु:शासन का सेनासहित पलायन अलायुध के स्वरूप और रथ आदि का वर्णन अशुभसूचक उत्पातों से कौरव सेना में भय अश्वत्थामा का अद्भुत पराक्रम तथा द्रुपदपुत्रों का वध अश्वत्थामा का कर्ण को मारने के लिये उद्यत होना अश्वत्थामा का दुर्योधन को उपालम्भपूर्ण आश्वासन तथा पांचालों से युद्ध अश्वत्थामा का धृष्टद्युम्न से युद्ध तथा उसका अद्भुत पराक्रम अश्वत्थामा का पुन: नारायणास्त्र के प्रयोग में असमर्थता बताना अश्वत्थामा की मृत्यु सुनकर द्रोण की जीवन से निराशा अश्वत्थामा के आग्नेयास्त्र से एक अक्षौहिणी पांडव सेना का संहार अश्वत्थामा के क्रोधपूर्ण उद्गार अश्वत्थामा द्वारा एक अक्षौहिणी राक्षस सेना का संहार अश्वत्थामा द्वारा धृष्टद्युम्न की पराजय अश्वत्थामा द्वारा नारायणास्त्र का प्रयोग अश्वत्थामा द्वारा नारायणास्त्र का प्राकट्य अश्वत्थामा द्वारा मालव, पौरव और चेदिदेश के युवराज का वध अश्वत्थामा द्वारा राजा नील का वधउ उभय पक्ष के प्रमुख वीरों का संकुल युद्ध उभयपक्ष के श्रेष्ठ महारथियों का परस्पर युद्ध उभयपक्ष के सैनिकों का चन्द्रोदय के बाद पुन: युद्ध में लग जानाऋ ऋषियों का द्रोण को अस्त्र त्यागने का आदेशक कर्ण और अर्जुन का युद्ध तथा कर्ण की पराजय कर्ण और घटोत्कच का घोर संग्राम कर्ण और भीमसेन का घोर युद्ध कर्ण और भीमसेन का संग्राम तथा अर्जुन का कौरवों पर आक्रमण कर्ण और सात्यकि का युद्ध एवं कर्ण की पराजय कर्ण और सात्यकि का संग्राम कर्ण की दुर्योधन को सलाह कर्ण की रणयात्रा कर्ण के पराक्रम से युधिष्ठिर की घबराहट कर्ण द्वारा अर्जुन पर शक्ति न छोड़ने के रहस्य का वर्णन कर्ण द्वारा इन्द्रप्रदत्त शक्ति से घटोत्कच का वध कर्ण द्वारा कृपाचार्य का अपमान कर्ण द्वारा धृष्टद्युम्न एवं पांचालों की पराजय कर्ण द्वारा सहदेव की पराजय कर्ण द्वारा सेनापति पद हेतु द्रोणाचार्य के नाम का प्रस्ताव कर्ण-भीमसेन युद्ध में कर्ण का पलायन कृतवर्मा का भीमसेन से युद्ध कृतवर्मा का शिखण्डी से युद्ध कृतवर्मा द्वारा युधिष्ठिर की पराजय कृपाचार्य का अश्वत्थामा को द्रोणवध का वृत्तान्त सुनाना कृपाचार्य द्वारा कर्ण को फटकारना कौरव महारथियों के सहयोग से अभिमन्यु का वध कौरव महारथियों द्वारा अभिमन्यु के धनुष और तलवार आदि का नाश कौरव सेना का सिंहनाद सुनकर युधिष्ठिर का अर्जुन से कारण पूछना कौरव सैनिकों तथा सेनापतियों का भागना कौरव-पांडव वीरों का द्वन्द्व युद्ध कौरव-पांडव सेना का घोर युद्ध कौरव-पांडव सेना का युद्ध कौरव-पांडव सेना के प्रधान वीरों का द्वन्द्व युद्ध कौरव-पांडव सेनाओं का घमासान युद्ध कौरव-पांडव सेनाओं का युद्ध और द्रोण का पराक्रम कौरव-पांडव सैनिकों के द्वन्द्व युद्ध कौरवों और पांडवों की सेनाओं का घमासान युद्ध कौरवों और पांडवों की सेनाओं में प्रदीपों का प्रकाश कौरवों द्वारा कर्ण का स्मरण क्षेमधूर्ति तथा वीरधन्वा का वधघ घटोत्कच और अश्वत्थामा का घोर युद्ध घटोत्कच और अश्वत्थामा का युद्ध तथा अंजनपर्वा का वध घटोत्कच और उसके रथ आदि के स्वरूप का वर्णन घटोत्कच और जटासुरपुत्र अलम्बुष का घोर युद्ध घटोत्कच द्वारा अलम्बुष का वध घटोत्कच द्वारा अलायुध का वध और दुर्योधन का पश्चाताप घटोत्कच द्वारा जटासुरपुत्र अलम्बुष का वध घटोत्कच वध से पांडवों का शोक तथा श्रीकृष्ण की प्रसन्नताच चक्रव्यूह भेदन के लिए अभिमन्यु की प्रतिज्ञा ज जयद्रथ का पांडवों के साथ युद्ध और व्यूहद्वार को रोक रखना जयद्रथ का पांडवों को चक्रव्यूह में प्रवेश करने से रोकना जयद्रथ की रक्षा हेतु दुर्योधन का अर्जुन के समक्ष आना जयद्रथ वध हेतु श्रीकृष्ण का युधिष्ठिर को आश्वासनत तेरहवें दिन के युद्ध की समाप्ति एवं रणभूमि का वर्णनद दस्युओं द्वारा राजा सृंजय के पुत्र का वध दु:शासन और सहदेव का घोर युद्ध दु:शासन का सेना सहित पलायन दुर्मर्षण का अर्जुन से लड़ने का उत्साह दुर्योधन और अर्जुन का युद्ध दुर्योधन और कर्ण की बातचीत दुर्योधन और कर्ण की बातचीत तथा पुन: युद्ध का आरम्भ दुर्योधन और द्रोणाचार्य का जयद्रथ को आश्वासन दुर्योधन और युधिष्ठिर का संग्राम तथा दुर्योधन की पराजय दुर्योधन और सात्यकि का संवाद तथा युद्ध दुर्योधन का अर्जुन को ललकारना दुर्योधन का अश्वत्थामा से पांचालों के वध का अनुरोध दुर्योधन का उपालम्भ और द्रोणाचार्य का व्यंग्यपूर्ण उत्तर दुर्योधन का उपालम्भ तथा द्रोणाचार्य की प्रतिज्ञा दुर्योधन का द्रोणाचार्य की रक्षा हेतु सैनिकों को आदेश दुर्योधन का द्रोणाचार्य को उपालम्भ दुर्योधन का द्रोणाचार्य को उपालम्भ देना दुर्योधन का द्रोणाचार्य से सेनापति बनने के लिए प्रार्थना करना दुर्योधन का भाइयों सहित पलायन दुर्योधन का व्याकुल होकर द्रोणाचार्य को उपालम्भ देना दुर्योधन के आदेश से दु:शासन का अभिमन्यु से युद्ध दुर्योधन के उपालम्भ से द्रोणाचार्य और कर्ण का घोर युद्ध द्रुपद के पौत्रों तथा द्रुपद और विराट आदि का वध द्रोण और धृष्टद्युम्न का भीषण संग्राम द्रोण के युद्ध के विषय में दुर्योधन और कर्ण का संवाद द्रोण पर्व के पाठ और श्रवण का फल द्रोणाचार्य और अर्जुन का घोर युद्ध द्रोणाचार्य और धृष्टद्युम्न का घोर युद्ध द्रोणाचार्य और धृष्टद्युम्न का युद्ध द्रोणाचार्य और युधिष्ठिर का युद्ध द्रोणाचार्य और युधिष्ठिर के युद्ध में युधिष्ठिर की विजय द्रोणाचार्य और सात्यकि का अद्भुत युद्ध द्रोणाचार्य और सात्यकि का युद्ध द्रोणाचार्य का अस्त्र त्यागकर योगधारणा द्वारा ब्रह्मलोक गमन द्रोणाचार्य का घोर कर्म द्रोणाचार्य का दु:शासन को फटकारना द्रोणाचार्य का दुर्योधन को उत्तर और युद्ध के लिए प्रस्थान द्रोणाचार्य का दुर्योधन को द्यूत का परिणाम दिखाकर युद्ध हेतु वापस भेजना द्रोणाचार्य का धृष्टद्युम्न से घोर युद्ध तथा उनका मूर्च्छित होना द्रोणाचार्य का पराक्रम द्रोणाचार्य का पांडवों से घोर संग्राम द्रोणाचार्य का सेनापति के पद पर अभिषेक द्रोणाचार्य की मृत्यु पर धृतराष्ट्र का शोक द्रोणाचार्य की युधिष्ठिर को जीवित पकड़ लाने की प्रतिज्ञा द्रोणाचार्य की रथसेना का पलायन द्रोणाचार्य की सेना का पांडव सेना से द्वन्द्व युद्ध द्रोणाचार्य के पराक्रम और वध का संक्षिप्त समाचार द्रोणाचार्य द्वारा अभिमन्यु की प्रशंसा द्रोणाचार्य द्वारा गरुड़व्यूह का निर्माण और युधिष्ठिर का भय द्रोणाचार्य द्वारा चक्रव्यूह का निर्माण द्रोणाचार्य द्वारा चक्रशकट व्यूह का निर्माण द्रोणाचार्य द्वारा चेकितान की पराजय द्रोणाचार्य द्वारा जरासन्धपुत्र सहदेव तथा क्षत्रधर्मा का वध द्रोणाचार्य द्वारा धृष्टकेतु का वध द्रोणाचार्य द्वारा पांडव पक्ष के अनेक वीरों का वध द्रोणाचार्य द्वारा बृहत्क्षत्र का वध द्रोणाचार्य द्वारा वीरकेतु आदि पांचालों का वध द्रोणाचार्य द्वारा शिबि का वध द्रोणाचार्य द्वारा सत्यजित, शतानीक तथा वसुदान आदि की पराजय द्रौपदी के पुत्रों द्वारा शल का वधध धृतराष्ट्र का खेद प्रकट करना और युद्ध के समाचार पूछना (पिछले 200) (अगले 200)