"सूरसागर पंचम स्कन्ध" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 8 prishth haian, kul prishth 8 ज ज्यौं भयौ रिषभदेव-अवतार -सूरदास ज्यौं भयौ रिषभदेव-अवतार 2 -सूरदासन नृपति रहूगन कैं मन आई -सूरदास न आगे. नृपति रहूगन कैं मन आई 2 -सूरदास नृपति रहूगन कैं मन आई 3 -सूरदासर रिषभदेव जब बन कौं गए -सूरदास र आगे. रिषभदेव जब बन कौं गए 2 -सूरदास रिषभदेव जब बन कौं गए 3 -सूरदास