"मीरा माधव" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 176 prishth haian, kul prishth 176 अ अपणा गिरधर कै कारणै -मीराँबाई अब कोऊ कछु कहो दिल लागा रै -मीराँबाई अब तो मेरा राम नाम -मीराँबाई अब नहिं जाने दूँ गिरधारी -मीराँबाई अब नहिं मानांला म्हे थारी -मीराँबाई अब नाँ रहूँगी श्याम अटकी -मीराँबाईआ आज्यो आज्यो गोविन्दा म्हारै म्हैल -मीराँबाई आली री मेरे नयनन बान पड़ी -मीराँबाई आवो आवो जी रँगभीना म्हारै म्हैल -मीराँबाईइ इन सरवरिया री पाल -मीराँबाईए एक विरियाँ मुख बोलो रे -मीराँबाई एरी मैं खड़ी निहारूँ बाट -मीराँबाईऐ ऐसै जन जानन दीजै हो -मीराँबाईओ ओढूँ लज्या चीर -मीराँबाई ओळूँ थारी आवै हो महाराजा अबिनासी -मीराँबाईक कछु लेना न देना मगन रहना -मीराँबाई करना फकीरी क्या दिलगीरी -मीराँबाई कर्म की गत न्यारी -मीराँबाई कवन गुमान भरी -मीराँबाई कहाँ बसियो कान्हा रातरली -मीराँबाई कहो ने जोशी राम मिलण कब होसी -मीराँबाई कुण बाँचै पाती -मीराँबाई कोई कहियौ रे प्रभु आवन की -मीराँबाई कोई दिन याद करोगे -मीराँबाई क्यूँ कर म्हे दिन काटाँ -मीराँबाईग गली तो चारों बन्द हुई -मीराँबाई गिरधर म्हारा साँचा पति छै -मीराँबाई गोपाल रंग राची -मीराँबाई गोबिन्द का गुण गास्याँ -मीराँबाई गोविन्द सूँ प्रीत करी -मीराँबाईघ घड़ी एक नहिं आवड़े -मीराँबाईच चलाँ वाही देस प्रीतम पावाँ -मीराँबाई चालो मन गंगा जमुना तीर -मीराँबाईज जब के तुम विछुरे प्रभु मोरे कबहु न पायो चैन -मीराँबाई जहर दियो म्हे जाणी -मीराँबाई जाबा दे री जाबा दे -मीराँबाई जो तुम तोड़ो पिया मैं नहिं तोड़ूँ -मीराँबाई जोगिया मैं कहज्यो जी आदेस -मीराँबाई जोगिया सों प्रीत कियाँ दुख होय -मीराँबाई जोगियो आँणि मिल्यो अनुरागी -मीराँबाई जोगी आ जा आ जा -मीराँबाईत तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर -मीराँबाई तुम बिन स्याम सुने कौ मेरी -मीराँबाई तेरा कोई नहिं रोकणहार -मीराँबाई तेरो मरम नाहिं पायो -मीराँबाई तै दरद नहिं जान्यूँ -मीराँबाई तैं मेरी गैंद चुराई -मीराँबाईथ थाँने काँई काँई कह समझाऊँ -मीराँबाईद दरस बिन दूखन लागे नैन -मीराँबाईध धूतारा जोगी एका सूँ हँसि बोल -मीराँबाईन नहिं ऐसा जन्म बारम्बार -मीराँबाई नहिं ऐसो जनम बारम्बार -मीराँबाई नहीं जाऊँ सासरै माई -मीराँबाई नैनन बनज बसाऊँ री -मीराँबाईप पग घुँघुरू बाँध मीरा नाची, रे -मीराँबाई पपीया रे पीव की बानी न बोलि -मीराँबाई पानी में मीन प्यासी -मीराँबाई पायो जी मैं तो राम रतन धन पायो -मीराँबाई पायो म्हारो ईडूँणी को चोर -मीराँबाई प आगे. पिया इतनी बिनती सुन सुन मोरी -मीराँबाई पिया बिन सूनूँ सारो देस -मीराँबाई पिया मोहि दरसण दीजै हो -मीराँबाई पिरथिवी मायाजाल मैं पड़ी -मीराँबाईफ फागुन के दिन चार रे, होरी खेल मना रे -मीराँबाईब बड़े घर ताली लागी रे, म्हारा मण री उणारथ भागी रे -मीराँबाई बरजी मैं काहू की नारि रहूँ -मीराँबाई बरसे बदरिया सावन की -मीराँबाई बसो मेरे नैनन में नँदलाल -मीराँबाई बाटड़ली निहारुँ जी मैं हारी ठाडी ठाडी -मीराँबाई बादल देख डरी हो -मीराँबाई बाल्हा मैं वैरागिण हूँगी हो -मीराँबाई बैद को सारो नाँहि रे माई -मीराँबाईभ भज मन चरन कँवल अबिनासी -मीराँबाई भरमायो म्हारो मारूड़ो -मीराँबाई भोलानाथ दिगम्बर ये दुख मेरो हरो रे -मीराँबाईम मत डारो पिचकारी मैं सगरी भीज गई सारी -मीराँबाई मन की मैल हिय तैं न छूटी -मीराँबाई मन मेरे परसि हरि के चरन -मीराँबाई मन रे परस हरि के चरण -मीराँबाई माई मेरी हरि न बूझी बात -मीराँबाई माई मैं तो गिरधर के रँग राची -मीराँबाई माई मैं तो लियो है साँवरियो मोल -मीराँबाई माई म्हाँने मिलिया छै मित्र गोपाल -मीराँबाई माई म्हाँने सुपना में परणी गोपाल -मीराँबाई माई म्हारै निरधन रो धन राम -मीराँबाई माई री मैं तो लीनो गोविन्दो मोल -मीराँबाई मारत मेरे नैन में पिचकारी -मीराँबाई मीरा माधव मीराँ मन मानी सुरत सैली असमानी -मीराँबाई मीराँ रंग लाग्यो हो नाँम हरी -मीराँबाई मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई -मीराँबाई मेरे तो येक राम नाम दूसरा न कोई -मीराँबाई मेरे राणाजी मैं गोबिन्द गुण गाना -मीराँबाई मैं अपने सैय्याँ सँग साँची -मीराँबाई मैं अमली हरिनाँव की मुझि बाइड आवै -मीराँबाई मैं गिरधर के घर जाऊँ -मीराँबाई मैं तेरै रंग राती गुसँइयाँ -मीराँबाई मैं तो छुप गई लाज की मारी -मीराँबाई मैं तो साँवरे रंग राची -मीराँबाई मैं तो हरि चरणन की दासी -मीराँबाई मैं तौ सुमरया छे मदनगोपाल -मीराँबाई मोरी ज्यान मोहोब्बत लगाई रे -मीराँबाई मोहन आवन की कोई कीजो रे -मीराँबाई मोहे लागी लगन गुरु-चरनन की -मीराँबाई म्हाँने बोल्याँ मति मारो जी राणाँ -मीराँबाई म्हारा ओलगिया घर आया जी -मीराँबाई म्हारा जनम मरण का साथी -मीराँबाई म्हारा सतगुर बेगा आज्योगी -मीराँबाई म्हारी सेजड़ल्याँ रँग माणूँजी -मीराँबाई म्हारे गैल परयो गिरधारी हे माय -मीराँबाई म्हारै घर होता जाज्यो राज -मीराँबाई म्हारै नैणाँ आगे रहीजो जी -मीराँबाईय यो तो रंग धत्ताँ हि लाग्यो हे माय -मीराँबाईर रघुनन्दन आगे नाचूँगी -मीराँबाई रमइया बिनि यो जिवड़ौ दुख पावै -मीराँबाई रमस्याँ सादूड़ाँ री लार -मीराँबाई रमैया बिन नींद न आवै, प्रेम की आँच ढुलावै -मीराँबाई रमैया मैं तो थारे रँग राती -मीराँबाई र आगे. राणा जी म्हें तो गोबिन्द का गुण गास्याँ -मीराँबाई राणाँजी कर्मां रो सँगाती -मीराँबाई राणाँजी तें जहर दियो मैं जाणी -मीराँबाई राणाँजी मैं साँवरे रँग राची -मीराँबाई राणाँजी मैं साधुन रँगराती -मीराँबाई राणाँजी म्हारी प्रीत पुरबली मैं क्या करूँ -मीराँबाई राणाँजी म्हारो काँई करसी -मीराँबाई राणाँजी म्हे तो गिरधर रा गुण गास्याँ -मीराँबाई राणाँजी हूँ अब न रहूँगी तोरी हटकी -मीराँबाई राणाँजी हूँ तो गिरधर कै मन भाई -मीराँबाई राणोंजी मेवाड़ो म्हारो काईं करसी -मीराँबाई राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर जागी री -मीराँबाई राम रँग लाग्यो -मीराँबाई राम रतन धन पायो मैया -मीराँबाईव वै न मिले जिनकी हम दासी -मीराँबाईश शिवशंकर मोपे कृपा कीज्यो -मीराँबाई श्याम बजावत बीणाँ -मीराँबाई श्याम म्हाँनै चाकर राखो जी -मीराँबाई श्री गिरिधर आगे नाचूँगी -मीराँबाईस सखी अपणाँ स्याँम खोटा -मीराँबाई सखी तैने नैना गमाय दिया रोय -मीराँबाई सखी मोहे लाज बैरन भई -मीराँबाई सखी री मेरी नींद नसानी हो -मीराँबाई सखी री मैं तो गिरधर के रंग राती -मीराँबाई सजन बेगा घर अइए हो -मीराँबाई सजन सुध ज्यों जानों त्यों लीज्यो -मीराँबाई सतगुर म्हारा प्रीत निभाज्यो जी -मीराँबाई सहेलियाँ साजन घर आया हो -मीराँबाई साँवरा बिन नींद न आवै -मीराँबाई साँवरा सूँ मिलना जरूर -मीराँबाई साँवरिया म्हारी प्रीतड़ली तो न्हिमाज्यो -मीराँबाई साँवरियो म्हाँनै भाँग पिलाई -मीराँबाई साँवरे की दृष्टि मानों प्रेम की कटोरी है -मीराँबाई साँवरे दी भालन माये सानू प्रेम दी कटारियाँ -मीराँबाई साँवरे रँग राची -मीराँबाई साधो मैं बैरागण हर की -मीराँबाई सावण दे रह्यो जोरा रे -मीराँबाई सुण लीज्यो बिनती मोरी -मीराँबाई सुनी मैं हरि आवन की आवाज -मीराँबाई सूरत दीनानाथ से लगी -मीराँबाई सेजड़ली’र सुधार गिरधर आँवणाँ ये -मीराँबाई सोवत ही पलका में मैं तो -मीराँबाई सौ पर एक घड़ी -मीराँबाई स्याम मोसूँ ऐंडो डोले हो -मीराँबाईह हमारे मन राधा स्याम बसो -मीराँबाई हरि तुम काहे को प्रीत लगाई -मीराँबाई हरि तुम हरो जन की पीर -मीराँबाई हरि बिन कूँण गती मेरी -मीराँबाई हरि मेरे नयनन में रहियो -मीराँबाई हरि से गरब किया सोई हारा -मीराँबाई हरिजी सों मिलना कैसे होय -मीराँबाई हे ओ सहिया हरि मन काठ कियो -मीराँबाई हे री मैं तो दरद दिवानी -मीराँबाई हेली म्हाँसूँ हरि बिन रह्यो न जाय -मीराँबाई हो जी हरि कित गये नेह लगाय -मीराँबाई होरी खेलत है गिरधारी -मीराँबाई होली पिय बिन मोहि न भावै -मीराँबाई होली पिया बिन लागै खारी, सुनो री सखी, मेरी प्यारी -मीराँबाई