"महाभारत उद्योग पर्व कथाएँ" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 60 prishth haian, kul prishth 260 (पिछले 200) (अगले 200)व विदुर का दम की महिमा बताना विदुर का धृतराष्ट्र को कृष्णआज्ञा का पालन करने के लिए समझाना विदुर का धृतराष्ट्र को धर्मोपदेश विदुर का धृतराष्ट्र से कौटुम्बिक कलह से हानि बताना विदुर के नीतियुक्त उपदेश विदुर द्वारा चारों वर्णों के धर्म का सक्षिप्त वर्णन विदुर द्वारा धर्म की महत्ता का प्रतिपादन विदुर द्वारा धृतराष्ट्र को समझाना विदुर द्वारा सनत्सुजात से उपदेश देने के लिए प्रार्थना विदुर द्वारा सुधंवा-विरोचन विवाद का वर्णन विदुला और उसके पुत्र का संवाद विदुला का पुत्र को युद्ध हेतु उत्साहित करना विदुला के उपदेश से उसके पुत्र का युद्ध हेतु उद्यत होना विदुला द्वारा कार्य में सफलता प्राप्ति और शत्रुवशीकरण उपायों का निर्देश विराट और द्रुपद के संदेश विराट की सभा में बलराम का भाषण विराट की सभा में श्रीकृष्ण का भाषण विष्णु द्वारा गरुड़ का गर्वभंजन वृत्तासुर और इन्द्र का युद्ध वृत्तासुर की उत्पत्ति व आगे. वेदव्यास द्वारा संजय को दिव्य दृष्टि का दान वैशम्पायन द्वारा मार्ग के शुभाशुभ शकुनों का वर्णनश शची द्वारा रात्रि देवी की उपासना शल्य का दुर्योधन के सत्कार से प्रसन्न होना शल्य का युधिष्ठिर आश्वासन देना शिखण्डिनी का वनगमन और स्थूणाकर्ण यक्ष से प्रार्थना शिखण्डी का विवाह और दशार्णराज का कोप शिखण्डी को पुरुषत्व की प्राप्ति श्रीकृष्ण का दुर्योधन और अर्जुन को सहायता देना श्रीकृष्ण का द्वारका गमनस संजय का कौरव सभा में आगमन संजय का धृतराष्ट्र के कार्य की निन्दा करना संजय का धृतराष्ट्र को अर्जुन का संदेश सुनाना संजय का धृतराष्ट्र को कृष्ण की महिमा बताना संजय का युधिष्ठिर को युद्ध में दोष की संभावना बताना संजय का युधिष्ठिर से मिलकर कुशलक्षेम पूछना संजय की विदाई एवं युधिष्ठिर का संदेश संजय को युधिष्ठिर का उत्तर संजय को श्रीकृष्ण का धृतराष्ट्र के लिए चेतावनी देना संजय द्वारा अर्जुन के ध्वज एवं अश्वों का वर्णन स आगे. संजय द्वारा कौरव सभा में अर्जुन का संदेश सुनाना संजय द्वारा धृतराष्ट्र को उनके दोष बताना तथा सलाह देना संजय द्वारा धृतराष्ट्र को कृष्ण और अर्जुन के संदेश सुनाना संजय द्वारा धृतराष्ट्र को कृष्णप्राप्ति एवं तत्त्वज्ञान का साधन बताना संजय द्वारा धृष्टद्युम्न की शक्ति एवं संदेश का कथन संजय द्वारा पांडवों की युद्ध विषयक तैयारी का वर्णन और धृतराष्ट्र का विलाप संजय द्वारा युधिष्ठिर के अश्वों का वर्णन संजय द्वारा युधिष्ठिर के प्रधान सहायकों का वर्णन संजय द्वारा युधिष्ठिर को धृतराष्ट्र का संदेश सुनाने की प्रतिज्ञा करना सनत्सुजात द्वारा धृतराष्ट्र के प्रश्नों का उत्तर सनत्सुजात द्वारा ब्रह्मचर्य तथा ब्रह्म का निरुपण सहदेव तथा सात्यकि की युद्ध हेतु सम्मति सात्यकि के वीरोचित उद्गार सात्यकि द्वारा दुर्योधन के षड़यंत्र का भंडाफोड़ स्थूणाकर्ण को कुबेर का शाप स्वर्गलोक में ययाति का स्वागतह हर्यश्व का ययातिकन्या से वसुमना नामक पुत्र उत्पन्न करना हस्तिनापुर में कृष्ण का स्वागत हिरण्यवर्मा के आक्रमण से द्रुपद का घबराना होत्रवाहन तथा अकृतव्रण का आगमन और उनका अम्बा से वार्तालाप (पिछले 200) (अगले 200)