"सूरसागर षष्ठ स्कन्ध" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 13 prishth haian, kul prishth 13 ग गरु बिनु ऐसी कौन करै -सूरदासम मुक सौं कह्यौ परीच्छित राइ -सूरदासस सुकदेव कह्यौ, सुनौ हो राउ -सूरदास सुरपति कौं सँताप जब भयौ -सूरदास सुरपति गौतम-नारि निहारि -सूरदास स आगे. सूर बिष्नु-पद पावै सोइ -सूरदास सूर बिष्नु-पद पावै सोइ 2 -सूरदास सूर बिष्नु-पद पावै सोइ 3 -सूरदास सूरदास त्यौं ही कहि गायौ -सूरदास सूरदास त्यौं ही कहि गायौ2 -सूरदास स आगे. सूरदास त्यौं ही कहि गायौ3 -सूरदास सूरदास त्यौं ही कहि गायौ4 -सूरदासह हरि हरि, हरि इरि सुमिरन करौ -सूरदास