"महाभारत भीष्म पर्व कथाएँ" श्रेणी में पृष्ठ is shreni mean nimnalikhit 200 prishth haian, kul prishth 230 (पिछले 200) (अगले 200)अ अभिमन्यु आदि का धृतराष्ट्रपुत्रों के साथ युद्ध तथा छठे दिन के युद्ध की समाप्ति अभिमन्यु और अम्बष्ठ का युद्ध अभिमन्यु और अर्जुन का पराक्रम तथा दूसरे दिन के युद्ध की समाप्ति अभिमन्यु का पराक्रम अभिमन्यु के पराक्रम से कौरव सेना का युद्धभूमि से पलायन अभिमन्यु तथा द्रौपदी के पुत्रों का अलम्बुष से घोर युद्ध अभिमन्यु द्वारा अलम्बुष की पराजय अभिमन्यु से चित्रसेन की पराजय अर्जुन का पराक्रम और पांडवों का भीष्म पर आक्रमण अर्जुन का पराक्रम तथा पाँचवें दिन के युद्ध की समाप्ति अर्जुन का भीष्म को रथ से गिराना अर्जुन की प्रसंशा कर भीष्म का दुर्योधन को संधि के लिए समझाना अर्जुन के द्वारा भीष्म का मूर्च्छित होना अर्जुन के प्रोत्साहन से शिखंडी का भीष्म पर आक्रमण अर्जुन के साथ भीष्म का युद्ध अर्जुन को देवी दुर्गा से वर की प्राप्ति अर्जुन द्वारा उद्यत हुए कृष्ण को रोकना अर्जुन द्वारा कृष्ण की स्तुति और प्रार्थना अर्जुन द्वारा कृष्ण के विश्वरूप का देखा जाना अर्जुन द्वारा कृष्ण से विश्वरूप का दर्शन कराने की प्रार्थना अर्जुन द्वारा कौरव सेना की पराजय और तीसरे दिन के युद्ध की समाप्ति अर्जुन द्वारा त्रिगर्तों की पराजय अर्जुन द्वारा देवी दुर्गा की स्तुति अर्जुन द्वारा भीष्म की प्यास बुझाना अर्जुन द्वारा भीष्म को तकिया देना अर्जुन द्वारा वज्रव्यूह की रचना अलम्बुष द्वारा इरावान का वधआ आसुरी और दैवी सम्पदा वालों का वर्णन आहार, यज्ञ, तप और दान के भेद की व्याख्याइ इरावान के वध से अर्जुन का दु:खपूर्ण उद्गार इरावान द्वारा विन्द-अनुविन्द की पराजय इरावान द्वारा शकुनि के भाइयों का वधउ उत्तर कुरु, भद्राश्ववर्ष तथा माल्यवान का वर्णन उपासना सहित ज्ञाननिष्ठा का वर्णन उभय पक्ष की सेनाओं का अपने शिबिर में जाना एवं कृष्ण-युधिष्ठिर संवाद उभय पक्ष की सेनाओं का घमासान युद्ध उभय पक्ष की सेनाओं का युद्ध तथा दु:शासन का पराक्रम उभय पक्ष की सेनाओं का संकुल युद्ध उभय पक्ष के सैनिकों का द्वन्द्व युद्ध उभयपक्ष की सेना का रण प्रस्थान व दसवें दिन के युद्ध का प्रारम्भ उभयपक्ष की सेनाओं की व्यूह रचना तथा घमासान युद्धओ ओम, तत् और सत् के प्रयोग की व्याख्याक कर्तव्यकर्म की आवश्यकता का प्रतिपादन एवं स्वधर्मपालन की महिमा का वर्णन कामनिरोध के उपाय का वर्णन कुरुक्षेत्र में उभय पक्ष के सैनिकों की स्थिति कुश, क्रौंच तथा पुष्कर आदि द्वीपों का वर्णन कृपाचार्य, द्रोणाचार्य तथा अश्वत्थामा के साथ सात्यकि का युद्ध कृष्ण और संजय द्वारा विश्वरूप का वर्णन कृष्ण का अर्जुन से भगवान को जानने और न जानने वालों की महिमा का वर्णन कृष्ण का भीष्म को मारने के लिए उद्यत होना कृष्ण के विश्वरूप और चतुर्भुजरूप के दर्शन की महिमा का कथन कृष्ण द्वारा अपनी विभूति और योगशक्ति का वर्णन कृष्ण द्वारा अपनी विभूतियों और योगशक्ति का पुन: वर्णन कृष्ण द्वारा अर्जुन का उत्साहवर्धन एवं सांख्ययोग की महिमा का प्रतिपादन कृष्ण द्वारा अर्जुन से शरणागति भक्ति के महत्त्व का वर्णन कृष्ण द्वारा कर्मयोग एवं स्थितप्रज्ञ की स्थिति और महिमा का प्रतिपादन कृष्ण द्वारा प्रभावसहित भक्तियोग का कथन कृष्ण द्वारा भक्तियोग तथा शुक्ल और कृष्ण मार्गों का प्रतिपादन कृष्ण व पांडवों की गुप्त मंत्रणा कृष्णसहित पांडवों का भीष्म से उनके वध का उपाय पूछना कौरव पक्ष के दस महारथियों के साथ भीम का घोर युद्ध कौरव महारथियों के साथ भीम और अर्जुन का अद्भुत पुरुषार्थ कौरव सेना का कोलाहल तथा भीष्म के रक्षकों का वर्णन कौरव सेना की व्यूह रचना कौरव-पांडव उभय पक्ष की सेनाओं का घमासान युद्ध कौरव-पांडव द्वारा युद्ध के नियमों का निर्माण कौरव-पांडव पक्ष के प्रमुख महारथियों के द्वन्द्वयुद्ध का वर्णन क आगे. कौरव-पांडव महारथियों के द्वन्द्वयुद्ध का वर्णन कौरव-पांडव योद्धाओं का द्वन्द्व युद्ध कौरव-पांडव सेना का घमासान युद्ध कौरव-पांडव सेना का घमासान युद्ध और भयानक जनसंहार कौरव-पांडव सेना के प्रधान वीरों तथा शंखध्वनि का वर्णन कौरव-पांडव सेना में शंखध्वनि और सिंहनाद कौरव-पांडव सेनाओं का परस्पर घोर युद्ध कौरव-पांडव सेनाओं का मण्डल और वज्रव्यूह बनाकर भीषण संघर्ष कौरव-पांडव सेनाओं का व्यूह निर्माण कौरव-पांडव सेनाओं की स्थिति कौरव-पांडव सैनिकों का भीषण युद्ध कौरव-पांडवों की व्यूह रचना कौरव-पांडवों के प्रथम दिन के युद्ध का प्रारम्भ कौरवों की पराजय तथा चौथे दिन के युद्ध की समाप्ति कौरवों के व्यूह, वाहन और ध्वज आदि का वर्णन कौरवों द्वारा मकरव्यूह तथा पांडवों द्वारा श्येनव्यूह का निर्माणग गीता के माहात्म्य का वर्णनघ घटोत्कच और दुर्योधन का भयानक युद्ध घटोत्कच का दुर्योधन एवं द्रोण आदि वीरों के साथ युद्ध घटोत्कच की माया से कौरव सेना का पलायन घटोत्कच की रक्षा के लिए भीमसेन का आगमनज ज्ञान की महिमा और प्रकृति-पुरुष से जगत की उत्पत्ति का वर्णन ज्ञान विज्ञान सहित जगत की उत्पत्ति का वर्णन ज्ञान सहित क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ का वर्णन ज्ञान-विज्ञान एवं भगवान की व्यापकता का वर्णनत त्याग और सांख्यसिद्धान्त का वर्णनद दु:शासन का अर्जुन के साथ घोर युद्ध दुर्योधन और भीमसेन तथा अश्वत्थामा और राजा नील का युद्ध दुर्योधन और भीष्म का युद्ध विषयक वार्तालाप दुर्योधन और भीष्म का संवाद दुर्योधन का भीष्म से पांडवों का वध अथवा कर्ण को युद्ध हेतु आज्ञा देने का अनुरोध दुर्योधन की शकुनि तथा कर्ण आदि के साथ पांडवों पर विजय हेतु मंत्रणा दुर्योधन की सेना का वर्णन दुर्योधन द्वारा दु:शासन को भीष्म की रक्षा का आदेश दुर्योधन द्वारा भीष्म की रक्षा की व्यवस्था दैवी और आसुरी सम्पदा का फलसहित वर्णन द्रोण आदि का पराक्रम और सातवें दिन के युद्ध की समाप्ति द्रोणाचार्य और विराट का युद्ध तथा विराटपुत्र शंख का वध द्रोणाचार्य और सुशर्मा के साथ अर्जुन का युद्ध द्रोणाचार्य का अश्वत्थामा को अशुभ शकुनों की सूचना देना द्रोणाचार्य का अश्वत्थामा को धृष्टद्युम्न से युद्ध करने का आदेशध धृतराष्ट्र का संजय से भीष्मवध घटनाक्रम जानने हेतु प्रश्न करना धृतराष्ट्र की चिन्ता धृतराष्ट्र-संजय प्रसंग में दुर्योधन का भीष्म से पांडवों की विजय का कारण पूछना धृष्टद्युम्न और दुर्योधन तथा भीमसेन और कृतवर्मा का युद्ध धृष्टद्युम्न और द्रोणाचार्य का युद्ध धृष्टद्युम्न और शल्य आदि दोनों पक्ष के वीरों का युद्ध धृष्टद्युम्न का उत्साह और क्रौंचारुण व्यूह की रचना धृष्टद्युम्न के साथ विन्द-अनुविन्द का संग्राम धृष्टद्युम्न द्वारा शल के पुत्र का वध ध्यानयोग एवं योगभ्रष्ट की गति का वर्णनन नवें दिन के युद्ध की समाप्ति नारायणावतार श्रीकृष्ण एवं नरावतार अर्जुन की महिमा का प्रतिपादन निष्काम कर्मयोग का प्रतिपादन और आत्मोद्धार के लिए प्रेरणा निष्काम कर्मयोग तथा योगी महात्मा पुरुषों के आचरण एवं महिमा का वर्णनप पंचमहाभूतों द्वारा सुदर्शन द्वीप का संक्षिप्त वर्णन पांडव वीरों का पराक्रम और कौरव सेना में भगदड़ पांडवों द्वारा मकरव्यूह तथा कौरवों द्वारा क्रौंचव्यूह का निर्माण प्रकृति और पुरुष का वर्णन प्रभाव सहित परमेश्वर के स्वरूप और पुरुषोत्तम के तत्त्व का वर्णन प्रभावसहित भगवान के स्वरूप का वर्णनफ फल सहित वर्ण-धर्म का वर्णनब ब्रह्म, अध्यात्म तथा कर्मादि विषयक अर्जुन के सात प्रश्न और उनका उत्तर ब्रह्मभूतस्तोत्र तथा श्रीकृष्ण और अर्जुन की महत्ताभ भक्तिप्रधान कर्मयोग की महिमा का वर्णन भक्तिसहित निष्काम कर्मयोग का वर्णन भगदत्त का घटोत्कच, भीमसेन और पांडव सेना के साथ युद्ध भ आगे. भगदत्त द्वारा घटोत्कच की पराजय भगवत्प्राप्ति के उपाय तथा गुणातीत पुरुषों के लक्षणों का वर्णन भगवत्प्राप्ति वाले पुरुषों के लक्षणों का वर्णन भगवद्भक्ति की महिमा का वर्णन भगवान श्रीकृष्ण की महिमा भारतवर्ष की नदियों तथा देशों का वर्णन भारतवर्ष के जनपदों के नाम तथा भूमि का महत्त्व भीम आदि शूरवीरों के साथ कौरवों का युद्ध भीमसेन और घटोत्कच का पराक्रम भीमसेन का कलिंगों और निषादों से युद्ध भीमसेन का पराक्रम भीमसेन का पुरुषार्थ भीमसेन की अध्यक्षता में पांडव सेना का आगे बढ़ना भीमसेन के द्वारा दुर्योधन की पराजय भीमसेन द्वारा कई गजराजों और केतुमान का वध भीमसेन द्वारा कौरव सेना के असंख्य सैनिकों का वध भीमसेन द्वारा गजसेना का संहार भीमसेन द्वारा धृतराष्ट्र के आठ पुत्रों का वध भीमसेन द्वारा धृतराष्ट्र के नौ पुत्रों का वध भीमसेन द्वारा रणभूमि में गजसेना का संहार भीमसेन द्वारा शक्रदेव और भानुमान का वध भीमसेन, धृष्टद्युम्न तथा द्रोणाचार्य का पराक्रम भीष्म और अर्जुन का द्वैरथ युद्ध भीष्म और अर्जुन का युद्ध भीष्म और कर्ण का रहस्यमय संवाद भीष्म और भीमसेन का घमासान युद्ध भीष्म और युधिष्ठिर का युद्ध भीष्म का अद्भुत पराक्रम भीष्म का दुर्योधन को अर्जुन का पराक्रम बताना और भयंकर युद्ध की प्रतिज्ञा भीष्म का पराक्रम भीष्म का प्रचण्ड पराक्रम तथा प्रथम दिन के युद्ध की समाप्ति भीष्म का ब्रह्मा द्वारा की हुई भगवत-स्तुति का कथन भीष्म का रणभूमि में पराक्रम भीष्म की आज्ञा से भगदत्त का घटोत्कच से युद्ध हेतु प्रस्थान भीष्म की महत्ता भीष्म के आदेश से युधिष्ठिर का उन पर आक्रमण भीष्म के मारे जाने पर धृतराष्ट्र का विलाप भीष्म के साथ अभिमन्यु का भयंकर युद्ध भीष्म को मारने के लिए कृष्ण का उद्यत होना भीष्म द्वारा उत्तरायण की प्रतीक्षा कर प्राण धारण करना भीष्म द्वारा दुर्योधन को आश्वासन भीष्म द्वारा पराजित पांडव सेना का पलायन भीष्म द्वारा पांडव सेना का भीषण संहार भीष्म द्वारा लाखों पांडव सैनिकों का संहार भीष्म द्वारा श्वेत का वध भीष्म, अर्जुन आदि योद्धाओं का घमासान युद्ध भीष्म-दुर्योधन संवाद भूरिश्रवा द्वारा सात्यकि के दस पुत्रों का वध भूरिश्रवा से धृष्टकेतु तथा अभिमन्यु से चित्रसेन आदि की पराजयम मद्रराज पर नकुल और सहदेव की विजय महाभारत युद्ध में चेकितान और कृपाचार्य का मूर्छित होनाय युगों के अनुसार मनुष्यों की आयु तथा गुणों का निरूपण युद्ध की भयानक स्थिति का वर्णन और आठवें दिन के युद्ध की समाप्ति युधिष्ठिर और नकुल-सहदेव के साथ शल्य का युद्ध युधिष्ठिर का भीष्म, द्रोण आदि से अनुमति लेकर युद्ध हेतु तैयार होना युधिष्ठिर का विषाद और अर्जुन का उन्हें आश्वासन युधिष्ठिर का शिखण्डी को उपालम्भ युधिष्ठिर की चिंता और श्रीकृष्ण द्वारा उनको आश्वासन युधिष्ठिर की रणयात्रा युधिष्ठिर द्वारा राजा श्रुतायु की पराजयर रक्तमयी रणनदी का वर्णन रमणक, हिरण्यक, शृंगवान पर्वत तथा ऐरावतवर्ष का वर्णन राहू, सूर्य एवं चन्द्रमा के प्रमाण का वर्णनव विनाशसूचक उत्पातों का वर्णन विराट के पुत्र श्वेत का महापराक्रम विविध यज्ञों तथा ज्ञान की महिमा का वर्णन (पिछले 200) (अगले 200)